आप “Corona” को क्या मानते हो, वरदान या श्राप, क्या Corona वरदान भी हो सकता है?
Let’s Begin……………..
आप कहेंगे की CORONA वरदान कैसे हो सकता है, ये तो हमेशा श्राप ही रहेगा,तो आप बिलकुल सही है, ये महामारी सम्पूर्ण मानव जाति के लिए एक अभिशाप ही है, मैं भी यही मानता हु लेकिन, मैं यंहा आप को ये बताना चाहता हु, की हमें इस समय को केसे लेना है, मेरे कहने का मतलब है, इस समय का हमें कैसे सदुपयोग करना है, जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते है, वेसे ही हम भी बुरा और अच्छा सोचते है, यंहा ध्यान देने योग्य ये बात है, की हम इसे केसे लेते है, इसे समझाने के लिए मैं आप को दो अलग अलग लोगो के सोचने की technique के बारे में बताता हूँ, कैसे Optimistic और Pessimistic person इस situation को handle करते है|
Pessimistic – निराशावादी
- हर Solution में Problem ढूंड लेते है
- हमेशा पारिस्थि का रोना रोते रहते है
- कभी भी किसी की Help नहीं करते है
- अपनी कमजोरी का कारण, हमेशा दुसरो को ही मानते है
- हमेशा Negative ही बोलते है, और Negative ही सोचते है,
- उनका यही मानना है, की हमेशा बुरा ही होगा|
ptimistic- आशावादी
- हर problem में solution find करता है
- अपने time का proper utilisation करता है
- किसी भी पारिस्थि में हार नहीं मानते है
- किसी को कभी भी कोई दोष नहीं देता है
- हमेशा दूसरो की मदद करने के लिए तैयार रहते है
Optimistic person इस lockdown में भी खुश है, क्यों की उसे पता है, उसके दुखी होने से भी ये Situtation बदलने वाली नहीं है, तो क्यों न इस समय को हँसते हँसते जिया जाये, दुसरे तरफ Pessimistic लोग सिर्फ और सिर्फ रोना ही जानते है, वो समय का सदुपयोग करना नहीं जानते है, बल्कि वो अपना और दुसरो का समय ख़राब ही करना जानते है|
मैं यंहा ये कहना चाहता हूँ, की यदि परिश्तिथि हमारे अनुकूल नहीं है, तो हमें Situtation को देखते हुए उस परिश्तिथि के अनुसार ही काम करना चायिये, न की उस परिश्तिथि को ले कर Negative हो जाना चायिये|

इस Image को देख कर आप को क्या लग रहा है, आप कहेंगे की गिलास आधी खाली है, या आप कहेंगे, की गिलास आधी भरी है, आप के दोनों answer ही सही है, लेकिन यंहा सवाल सही या गलत का नहीं है, यंहा सवाल सोच का है, Optimistic इसे आधा भरा कहेगा तो Pessimistic इसे आधा खाली, दोनों ही सूरत में जवाब सही है, बस फर्क है, तो सिर्फ सोच का, हमें हर परिस्तिथि में positive ही रहना चायिये, क्योकि जैसा हम सोचेंगे वेसे ही हम बन जायेंगें,
एक Famous quote है, you become what you think.
Corona is a boon for those, who think positive.
Let’s look on what we learned in this lockdown….
Personal Benefits
- We learned to live without, going outside
- We learned to stay home, and spend time with our family
- We learned live without eating fast-food, Junk Foods
- We learned how to celebrate our birthday, Anniversary with our friends, relatives over Internet
Benefits to Society
- We learned that, there can be a marriage even, when there are fewer guests.
- We learned to buy from our local shopkeepers हमारे PM श्री नरेन्द्र मोदीजी ने भी हमें लोकल को support करने के लिए कहा हे, # VOCAL FOR LOCAL
- We learned , How to help others
- We learned, how to create opportunity in adversity
इस तरह, Positive लोगो ने इस lockdown में भी, अपने जीने का तरीका खोज लिया, और दूसरी तरफ negative लोग हमेशा पारिस्थि को दोष देते हुए, अपनी पूरी ताकत Negative काम में ही लगा देते है|
Think Positive, Be Positive….
It’s a curse but like any curse, we can end it…together !
We will definitely beat it.
Agreee with your points, thank you for sharing it 😊😊
Your welcome